Armaan Malik - Ghar Se Nikalte Hi lyrics | LyricsFreak
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Ghar Se Nikalte Hi Lyrics

Armaan Malik – Ghar Se Nikalte Hi Lyrics

घर से निकलते ही
कुछ दूर चलते ही
रस्ते में है उसका घर

पहली दफ़ा मैंने
जब उसको देखा था
सांसें गयी ये ठहर

रहती है दिल में मेरे
कैसे बताऊँ उसे
मैं तो नहीं कह सका
कोई बता दे उसे

घर से निकलते ही
कुछ दूर चलते ही
रस्ते में है उसका घर

उसकी गली में है ढली
कितनी ही शामें मेरी
देखे कभी वो जो मुझे
खुश हूँ मैं इतने में ही

मैंने तरीके सौ आजमाए
जाके उसे ना कुछ बोल पाए

बैठे रहे हम रात भर

जो पास जाता हूँ
सब भूल जाता हूँ
मिलती है जब ये नज़र

घर से निकलते ही
कुछ दूर चलते ही
रस्ते में है उसका घर

कल जो मिले वो राहों में
तो मैं उसे रोक लूं
उसके दिल में क्या है छिपा
इक बार मैं पूछ लूं

पर अब वहाँ वो रहती नहीं है
मैंने सुना है वो जा चुकी है
खाली पड़ा है ये शहर

मैं फिर भी जाता हूँ
सब दोहराता हूँ
शायद मिले कुछ खबर

हो.. हम्म..

घर से निकलते ही
कुछ दूर चलते ही
रस्ते में है उसका घर
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